न ठिकाने , न कारवा, न ही आसरे दिखते है। इस राह मे बहुत दुर तक, न तो कोई मन्दिर और न ही गुरुद्वारे दिखते है। जिनकी मन्ज़िल हो मुश्किल और हौसले बेशुमार... उन्हे न तो कोई तकलीफ, न रूकावटे और न ही बहाने दिखते है। ©khalid #oc #AloneInCity