एक दर्द भरा पैगाम लिख रहा हूँ, माँ !!आज तेरे नाम खत लिख रहा हूँ!! दिनभर की थकान से, मुश्किलों के जंजाल से... फुर्सत में आज सब लिख रहा हूँ...., माँ आज तेरे नाम एक खत लिख रहा हूँ!! कभी प्यार से माथे को चुमकर सुलाती थी तुम... कभी प्यार से मुझे मेरी पसंद की चीजें खिलाती थी तुम... आज वो सब खाने का दिल करता है माँ; आज फिर तेरी आंचल में सोने का दिल करता है माँ.. दिनभर की Routine से उब गया हूँ... अब घर वापस आने का दिल करता है माँ; इस व्यस्ततम Routine से समय निकाल आज कुछ लिख रहा हूँ माँ !आज तेरे नाम खत लिख रहा हूँ!! तू कहती थी ना! मत जा इतनी दूर? मै ही हठ कर बैठा था.. नऽ क्या करूँ माँ ? घर की जिम्मेदारी घर कर बैठा था...नऽ अब समझ रहा हूँ, घर से दूर घर का एहसास क्या होता है अपने संग अपनो का साथ क्या होता है.. माँ!! तेरे बिना अब मेरा यहाँ वास कहाँ होता है!! तुम तो कहती हो घर आजा पर अभी अपना नशीब कहाँ है आज जरा सा वक्त मिला ,तो ये खत लिख रहा हूँ!! मिले तेरा प्यार और आशीर्वाद ,चरणस्पर्श कर रहा हूँ!! मुश्किल समय से निपटकर, तुमसे बहुत जल्द मिल रहा हूँ; देख न माँ, आज कैसे मै तेरे नाम ये खत लिख रहा हूँ!! #maa #maakapyar #yaadein #maakimamta #maakikuchbaatein