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बनाए जिन्दगी में अब तलक, जो भी उसूल हैं माँ की मुस

बनाए जिन्दगी में अब तलक, जो भी उसूल हैं
माँ की मुस्कान के सम्मुख, सब कुछ फिजूल हैं।
भरी हैं झोलियाँ खुशियों से, माँ ने 'अंस' हरबार
जन्नतों से भी बढ़कर, माँ तेरे कदमों की धूल हैं।।

"अंस" #Mypoetry149
बनाए जिन्दगी में अब तलक, जो भी उसूल हैं
माँ की मुस्कान के सम्मुख, सब कुछ फिजूल हैं।
भरी हैं झोलियाँ खुशियों से, माँ ने 'अंस' हरबार
जन्नतों से भी बढ़कर, माँ तेरे कदमों की धूल हैं।।

"अंस" #Mypoetry149