#सत्यता सपन जो सपन में सजा वो सपन में सपन होने लगा, चयन जो तपन को सहा वो तपन ही तपन होने लगा, सजन जो सजन से सजा तो सजन पर सजन होने लगा, भजन जो भजन को भजा तो भजन का भजन होने लगा। #चारण_गोविन्द