आस नहीं कुछ पाने की, न रही सोच खो जाने की बस यही समस्या है मन की, कोई मेरी भी तो सुन ले जो समय दिया मैंने सबको, वह था उतना ही मूल्यवान क्या है निकृष्ट क्या नर महान, जीवन में मुझको भी बुन ले अपनों से घिर घर में होगे, मैं याद आऊँ या नहीं आऊँ मैं यदा कदा तुमको बुलाऊँ, प्रिय जन मेरी भी तो सुधि ले मेरा सच तुमको झूठ लगे, सच दुराचार मैंने न किया कभी जान के तुमको दुःख न दिया, प्रभु प्रिय को मेरे सद् बुधि दे कभी-कभी हमारे अपने हमसे दूर हो जाते हैं.. और उनकी नज़र में हमारे प्रति कोई दुर्भावना आ जाती है.. उस समय हमें अपना आपा खो कर, उनसे लड़ने के बजाय.. अपने को उनके जीवन से अलग कर लेना चाहिए.. और भगवान से उनके प्रति सद्बुद्धि व सद्भावना की माँग करनी चाहिए.. #सद्भावना #प्रेम #परिवार #जीवन #yqhindi #yqdidi #नाराज़मतहो #बहना