बूढ़े हुए हाथो में जान अभी बाकी है थके नहीं पंख, उड़ान अभी बाकी है हौसला है इतना ऊंचाइयों को पाऊं जोश भी रगो में, आसमां को छू के आऊं हम जीत ही जाएंगे ज़िन्दगी की बाजियां कुछ देर को बस थमे हैं मगर, उड़ना तो नहीं भूले.... पंखों से मेरे हौसले ना नाप अभी, बहुत है दम अभी होगी ऊंची परवाज़ जख्मी पंख है तो कोई फिक्र ही नहीं है कुछ देर का थमे, पर थके हम नहीं हैं अभी जोश है इतना कि