तेरी लौ में तुझे ढूँढती है नज़र बोल फिर क्यों कहीं तू न आता नज़र चारों सिम्त फैली है बस बेबसी क्या दुआ में नहीं कोई होता असर देने वाले है सबकुछ तेरा ही दिया छीन ही लेना था बोल फिर क्यों दिया रूह कैसे करे...और कितना सबर बोल दे, बोल दे तू कहीं हो अगर #toyou#poeticjustice#callings#prayers#yqdejection#hopevshoplessness#yqdivinity