मेरे हाथों से दूर, वो चले जा रहा है, इन हाथों की छुअन को अब वो, भुला रहा है, जो कहते थे, इन हाथों में मेरी तक़दीर है, उन हाथों की तकदीर को अब वो, मिटाये जा रहा है, जो कहते थे, इन हाथों का खाना स्वाद है, उन हाथों के स्वाद को अब वो, फीका किये जा रहा है, जो कहते थे, इन हाथों में ग़ुलाब की झलक है, उन हाथों में अब वो, कांटे चुभोये जा रहा है, जो कहते थे, इन हाथों में शराब का नशा है, उन हाथों के नशे को अब वो, पानी किये जा रहा है । मैं भी हूँ मजबूर, और तू मुझसे दूर... #हाथोंसेदूर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi मेरे हाथों से दूर, वो चले जा रहा है, इन हाथों की छुअन को अब वो, भुला रहा है,