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आजा आज कुछ नया करते है चाँद को गर्म और सूरज को ठं


आजा आज कुछ नया करते है
चाँद को गर्म और सूरज को ठंडा करते है
बहुत हुई मीठी अब बातें कुछ कड़वी करते है
मंदिर छोड़ आज महखाने चलते है
जाम में शराब नहीं आज लहू भरते है
याद नहीं भगत को, आज खुद भगत बनते है।

 #bagatsingh
#saheedi_diwas

आजा आज कुछ नया करते है
चाँद को गर्म और सूरज को ठंडा करते है
बहुत हुई मीठी अब बातें कुछ कड़वी करते है
मंदिर छोड़ आज महखाने चलते है
जाम में शराब नहीं आज लहू भरते है
याद नहीं भगत को, आज खुद भगत बनते है।

 #bagatsingh
#saheedi_diwas