दीप! जो ख़ुद जलती है, दूसरों को रोशन करने की ख़ातिर, ख़ुद रह लेती है अंधेरे में, पर कर देती है, रोशन पूरे जहाँ को, अपने प्रकाश से- अलख जगाती है, अंधेरों पे, उजालो की जीत की- फैलाती है, अमन-चैन, निभाती है रिश्ते प्यार की, रीत की-प्रीत की! #दीप #NojotoHindi #NojotoPoem #NojotoWriting #NojotoLove #NojotoInstant #NojotoDeep