अपनी जुबान पर लगाम रखते हैं ll हम अपने काम से काम रखते हैं ll मुश्किलें तो जीवन भर रहनी हैं, मुश्किलों के साथ आराम रखते हैं ll पढ़े लिखों की यही पहचान है, कलम रखते हैं, कलाम रखते हैं ख्वाहिश की नोक पर सुकूँ को रख, हम अपने ही सर इल्जाम रखते हैं ll ©Ashvani Kumar Iljam