कुछ और एक का फेर निन्यानवे के फेर जैसा होता है!! जो इस में फंस जाता है वो दिलो दिमाग से बैचेन और ना समझ बच्चे की तरह ईष्यालु हो जाता है!! फिर वो आये प्रथम तो उसे मेहनत कहता है कोई दूसरा आ जाये प्रथम तो उसे नकल कहता है!! फिर से उठके करले मेहनत, ना! ना खुद की कमियों को स्वीकारता है रोते-बिलखते, इधर-उधर पैर पटकता है और पकड़े अपनी बहती लंगोट बस सबको कोसता है!! कुछ और एक का फेर निन्यानवे के फेर जैसा होता है!! ©Deepak Bisht #फेर-ए-गफ़लत