कुछ तलाशते - तलाशते बड़ी दूर आ गए हैं , छिप गए थे जो घाव जिस्म में वो बनके नासूर आ गए हैं। हमें तो आज भी हमारी भुगती सज़ा का गुनाह मालूम नहीं, जो थे गुनहगार वो बनके बेकसूर आ गए हैं। #nojotohindi #pyar#ruswai