संवाद का महत्व संपूर्ण सृष्टि में मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो अपनी बौद्धिकता के आधार पर तर्कपूर्ण संवाद कर सकता है संवाद किसी भी व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचाने का सशक्त माध्यम है संवाद के माध्यम से बड़े से बड़े संकट पर युद्ध को डाला जा सकता है किंतु वर्तमान में अधिक आधुनिकता की दौड़ में संवाद सुनने होता जा रहा है जिससे हमारे जीवन में अत्यंत ही नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं सम्मान करने की भावना एक शक्तिशाली व्यक्ति का लक्षण है हठधर्मिता स्पष्ट रुप से कमजोर पक्ष को प्रदर्शित करती है कई बार यह हठधर्मिता नहाकर आकार को भी प्रदर्शित करती है भगवान श्रीराम का जन्म दर्शन संवाद के महत्व को हमारे सामने रखता है भगवान राम अपने समक्ष आगमन अथवा सिंधु को पाकर रहा देने के लिए विनियम वे चाहते तो एक दिन में ही समुद्र को सुखा बना सकते थे उन्होंने रावण पर सीधे आक्रमण ना कर कर अंगद को भेजकर उनका संवाद के माध्यम से समझाने का प्रयास किया जब रावण नहीं माना तब युद्ध करना पड़ा जब संपाद पुणे ता सुनने हो जाता है तब युद्ध की सबसे अंतिम विकल्प होता है इसी प्रकार भगवान शिव ने भी संवाद को युद्ध से कहीं ज्यादा महत्व देते थे उन्होंने भी सर्वप्रथम संवाद के द्वारा ही पांडवों तथा कौरवों का विवाद सुलझाने का प्रयास किया किंतु कौरवों की हठधर्मिता के बोल संवाद असफल रहा वर्तमान में परिवार के विघटन का सबसे बड़ा कारण सम्मान ही सुनने यता का होना संवाद और सुमिता परिवारिक उन्नति के साधन है जिस परिवार में संवाद भी नेता होती है वहां परस्पर सहयोग जान जन्म लेता है जिसकी परिणति यही बात राष्ट्रीय के संदर्भ में भी सच है जिस राष्ट्रीय में विभिन्न समुदाय के लोग के बीच में आपसी संवाद समाप्त हो जाता है वहीं राष्ट्रीय विघटित हो जाता है आज संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक तत्व है हमें इसे बनाए रखना ©Ek villain #samyak_jain #Cartoonbaba