हर बार लड़ा हूं मैं, हर बार लडूंगा ख्वाबों को अपने पूरा करूंगा, उम्मीद नहीं मुझको, किसी से कुछ पाने की अपनी हसरत को मैं, खुद पूरा करूंगा राह में आ जाएं, लाख शूल तो क्या? घेर लें दुश्मन चहुँ ओर से तो क्या? मंजिल हो दूर और सफर हो अंजान न मुसाफिर साथ हो न राह का हो ज्ञान हर बाधा को हंसके मैं यूं टालता जब दिल से आवाज निकलती हौसला करण क्यों हारता? ©Karan Kumar #hosla