रगों में दौड़ते लहू में, कितना दर्द घुला है, इस दर्द का अफसाना सिर्फ़ दिल को पता है, दर्द जब शब्दों में ढल के निकलता है, लोग कहते हैं... वाह! क्या सुंदर कविता है दिल, लहू, दर्द आंखों में चुभता है, वो किसी को नहीं दिखता है..... और...*दिल के अरमां* का कुछ ऐसा दर्द से रिश्ता है 👉🏻 प्रतियोगिता- 430 विषय 👉🏻 🌹"दिल के अरमाँ"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।