एक उम्र चला साथ जो मयार तक आने में वो यार भी जा मिल बैठा अय्यार जमाने में उस बदन के हर तह का अब एहसास हुआ इश्क़ नहीं था जहर भरा था हर एक पैमाने में ©Kavi Mukesh Kumar #kavimukesh #shayarmukesh एक उम्र चला साथ जो मयार तक आने में वो यार भी जा मिल बैठा अय्यार जमाने में उस बदन के हर तह का अब जाकर एहसास हुआ वो इश्क़ नहीं था जहर भरा था हर एक पैमाने में