।।पगले सपने।। इसी गहमागहमी के दौरान सुबह से लेकर के सांझ फिर सांझ से सुबह तक अपने घर के रौशन चिरागों की मुस्कान की लड़ियों में जड़े रंग-बिरंगे सपनों संग मैं खुल कर हंसते लेती हूँ। #मुक्तामुसाफिरपरिंदे #muktamusafirparinde