वो बचपन का बचपना भी क्या था, ना कोई ख्वाहिश ना कोई स्पर्धा ना ही किसी से बैर | जो भी था उसमे दादु की storys वो कछुआ और खरगोश की जिसे सुनने बस भाई, मे चतुरी और 😂 रमन हम चारो दादु के पास दौड़ के जाते थे और दादु के बिस्तर में वो कम्बल लपेटके छुप जाते थे वो बात को आज तक़रीबन नौ साल हो गए | छुट्टियों में भी आज ये ख्वाहिशो को पूरी करने रात को वो कहानी सुनने वाले कान और दादु को देखने वाली ये आँखे अब कोई दौड़ में आगे जाने की ख्वाहिश लिए गुमती है | बड़ी ख्वाहिशों के बीच वो मेरी बचपन की ये बात, आज भी सुकु की नींद दिलाती है | चाँद से सबकी कहानियाँ जुड़ी है, और मेरे दादु की सितारों में पुरी कहानी है |😊 याद आती है उनकी जिन्हों ने कहानियों से पुरी दुनिया हमको दिखाई है | वो आज दादु आप की कहानियों का बोध मील चुका है | आप को बताना है दुनिया वही आप की वो कहानियों वाली है| और आप ने सिखाई कहानियों से ये दुनिया में जीने का बड़ा मजा आ रहा है, पर इन सब के बीच जो आप होते तो और कहानियाँ सुनाते ना... miss u dadu..i need u... 😞 मुझे आना है छुट्टियाँ मनाने मेरे दादु के पास, पर दादु अब ना सिर्फ वो घर पे तस्वीर दिखती है आप की , और तस्वीर से बात करना चाहु तो कोई बात का जवाब नहीं मिलता है| खैर दादु वो कहानियों में सुना है की star बन गए हो आप, कोई एक सितारे को देख वो कहानियाँ याद करना बड़ा अच्छा लगता है | और फिर आप की कहानियों की दुनिया में, आपको खोज लेती हु मे | 😊😊😊😊 मेरे दादाजी 😊 bapu😊 एक खास बात पापा दादु को बापु कहते थे और हम सब भी फिर बापु ही बोलते थे | "बापु " mere बापु 😊