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रश़्क ए क़मर कहता था कभी मुझे उसको आज सिर्फ़ दाग़ नज़

रश़्क ए क़मर कहता था कभी मुझे
उसको आज सिर्फ़ दाग़ नज़र आता है।
 दर्द ए दिल का आलम ये है
लफ़्ज़ ए मोहब्बत अब आग नज़र आता है। Challenge-156 #collabwithकोराकाग़ज़ 

4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :)

(रश्क-ए-क़मर का अर्थ है चाँद की ईर्ष्या (Envy of the Moon) सीधे शब्दों में अर्थ - ख़ूबसूरती ऐसी कि चाँद को भी जलन होने लगे)

#रश्क_ए_क़मर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba   #YourQuoteAndMine
Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️
रश़्क ए क़मर कहता था कभी मुझे
उसको आज सिर्फ़ दाग़ नज़र आता है।
 दर्द ए दिल का आलम ये है
लफ़्ज़ ए मोहब्बत अब आग नज़र आता है। Challenge-156 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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(रश्क-ए-क़मर का अर्थ है चाँद की ईर्ष्या (Envy of the Moon) सीधे शब्दों में अर्थ - ख़ूबसूरती ऐसी कि चाँद को भी जलन होने लगे)

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anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator