मुझे पसंद है पढ़ना कोई कविता ऐसे जैसे की हम डूब जाए इसकी गहराई में और झुक जाए उस लेखक के चरण में .... मुझे पसन्द हैं भींगना, ऐसे जैसे बूँदे मुझ पर नहीं मैं बूँदो पर गिर रहा, पसन्द हैं मुझे