मेरी छतरी में लगे हैं चाहतों के जुगनू। सफ़र दुश्वार हो सकता है छुपेगा नहीं। कुछ ख़ुशियाँ हम लेके आये कुछ तुम! चलते रहो ये सिलसिला रुकेगा नहीं। 🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।