अधिकार तो दर्ज है संविधान के पन्नो मे, फिर भी सिसकता लोकतंत्र हमारा है। नौकरशाही, अफसरशाही ,लाल-फिताशाही, कि लपेट मे हिन्दुस्तान हमारा है।। कहीं जात-पात की अड़चन है, कही रिजर्वेशन का बोलबाला है। डिग्रियां धरी की धरी पड़ी है, कॉन्ट्रेक्ट-बेस नौकरी पर हो रहा गुजारा है। इमारतें तो उंची कर ली साहब, भूख का ख्याल नहीं आपको सताता है ? पुलों के निचे ठिठुर जाए जिंदगी पर मंदिर वहीं बनेगा यही हमारा नारा है। ऐ भारत तुने दिया मुझे नाम देवी का, मेरा मंदिर भी खूब सजाया है। पर ये बात है समझ से बाहर मेरी मेरे ही भीतर जाने पर प्रतिबंध लगाया है। रोज मेरी इज्जत शर्मशार हो रही और सभी सरकार ने बेटी बचाओ का जुमला लगाया है आज नहीं कोई अधिकार मेरे हर तरफ सियासत की तानाशाही है किस मानवाधिकार ने एक भी बेटी को बचाया है।। #Human Rights