इस दौड़ती भागती जिंदगी में, बस एक तुम हो... जिसे देख ठहर जाने को जी चाहता है। बदनाम गलियों के नाम से... भी डरता हूँ मैं... तेरी गली गुजर जाने को जी चाहता है। आसमानों में कोई सितारा तुमसा, मिला नही हमको... अब जमीं पे उतर जाने को जी चाहता है। तेरी पाक आंखे,ओर ये मुस्कुराहटें तेरी, चाहता हूँ सदा ऐसी ही रहे। सांसे तुझ्रे देकर मर जाने को जी चाहता है। तुम होती तो कितना अच्छा होता, जिंदगी ख्वाब सी होती शायद। तेरी तस्वीर है घर पे तो घर जाने को जी चाहता है।। ©nirbhay chauhan #Love #Nojoto #Shayari #Dil #Writer #Mainorteriyaden aafiya #together Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) Mr Ismail Khan