तैर रही है कागज की कश्तियां, तेज हवा और बारिश के पानी में। खुश कर रही है वो हर बच्चे को, तैर रही है वो अपने हौसले और मनमानी से। पानी की छोटी बूंद से जो कागज कही ढह जाता था, आज दिखा रहा है वो करतब अपने इस पानी में। हौसले उसके बुलंद हो गए है, लोगो की खुशियों को देख। चल रहा है वो हर कठिन राह पर, आने वाली हर विपदा को देख। #Kazag #kashti #keywordsofvidi #ervaisnavi_dixit #collabwithme Poem of the month competition ..... 🐥 इस प्रतियोगिता में आपको हर रविवार को ही title/topic दिया जायेगा । 🐥 collaboration का समय सुबह 10:30am से 11:30pm बजे है। 🐥 आपको महीने की अंतिम तारीख को प्रशंसापत्र प्रमाणपत्र मिलेगा .(poem of the month).