सुनो, तुम लौट कर मत आना, मेरे दिल का शहर अब वीरान हो गया है। आओगे भी तो रहोगे कहाँ? दीवारों में दरारें पड़ गईं हैं, जहाँ कभी तुम्हारी तस्वीर हुआ करती थी; वहाँ तुम्हारी यादों के कुछ जाले ही रह गए हैं। अब कोई रौनक नहीं दिखती यहाँ, जो तुम गए तो चिड़ियों ने चहचहाना ही छोड़ दिया। ख़्वाबों की सेज पर बैठ कर इंतज़ार किया था मैंने; मग़र अब वो सेज भी अपनी नरमी छोड़ चुकी है। अब तुम्हें रखने की हैसियत नहीं मेरी, इसलिए तुम लौट कर मत आना। #nojoto #nojotowriters #hindiwriters #love