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सफर वही तक जहाँ तक तुम हो, नज़र वही तक जहाँ तक तुम

सफर वही तक जहाँ तक तुम हो,
नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो,
वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर,
खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।

©rawkumar markam
  @ हिंदी  शायरी

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