इन दिनों पूरी दुनिया कोविड-19 से परेशान है परेशानी इस बात से ज्यादा है कि यह चीनी वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है उसका एक बार इंटर की विदाई होते नहीं दूसरी विदाई ने दस्तक देनी शुरू कर दी इस मामले में कोविड-19 कोई टक्कर दे सकता है तो भारतीय राजनीति हालांकि अंतर इतना ही है कि सियासत में ओरिएंटल बदले में अक्सर 5 साल लगते हैं और बदलाव इस लहर चुनाव से पहले ही चल चला करती है इन दिनों यह लहर अपने प्रचंड वेग से चल रही है इसके असर का अंदाजा इसी से लगता है कि शाम को पार्टी का कोर ग्रुप बैठक में शामिल हुए नेता जी सुबह किसी विपक्षी दल के मुख्यालय में उसकी तारीफों के पुल बांधते हुए पाए जाते हैं नेताजी इतनी जल्दबाजी में पाला बदलते हैं कि उनकी सादगी को भी भनक नहीं लगती है गली मोहल्ले में पुरानी वाली पार्टी का झंडा उठाए उस दल के कार्यकर्ताओं से लोहा लेने में जुटे रहते हैं जिससे उनके मानवीय नेता के ताज ताज शामिल हो गए होते हैं आया राम गया राम का यह सिलसिला तो बहुत पुराना मगर पहले से 2G की स्पीड से होता है लेकिन इधर तो 5G की स्पीड को भी मात दे दी गई जबकि कई मामले में तो यह पार्टी के टिकट मिलने के बाद भी लोगों से अच्छा देकर दूसरे में शामिल हुए जा रहे हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से नया उमीदवार तलाशना पड़ता है दावेदार का टिकट काटा गया था एकाएक उसकी तारीख में लिखकर उसका हौसला बढ़ाया जाता है नेताजी का कोई भी ©Ek villain #दल बदल की लहर से जूझते दाल #Thoughts