देवराज का वज्र तीव्र। गमन है इसका अति शीघ्र। विचरण है इसका सार्वभौम । है प्रयोग इसका सुखद सौम्य। जब विचरण करता है विद्युत अनु। खुद में खोता है इसका तनु। रजनी को दिनमान बनाता है। सड़कों को निशा में चमकाता है। वसुधा के लिए वरदान है ये। खोजों में खोज महान है ये। क्या ग्रीष्म शरद क्या अंधेरा। विद्युत ने हैं सब को घेरा। जो कारखानों का है प्राण। जनरेटर में है इसकी जान। बेंजामिन ने इसको खोज निकाला हैं। फिर बहुतो ने इसको संवारा है। है उन्नति का यह प्रतीक। है छुपा इसमें अभी बहुत सीख। हम विश्वकर्मा की हैं संतान। काफी है हम में अभी ज्ञान। हम हैं भविष्य का उजियारा। ये विधुत विधा है हमको प्यारा। है इसमें विद्युत से विचरते हम। रोज मिटते और सवरते हम। #electricalengineer #trending #deep