हज़ार लौं को संभाला है इस आंचल से मैने इक और भी संभाल लूंगी.. चिराग़ ऐ नूर पालती हूं इससे मैं..आशियाना ना किसी का जलाने दूंगी.. जरूरत पड़ेगी जब जब स्वाह कर खुद को उसकी हविश में सीमाओं में बांध उसकी लौ को लूंगी #women #ज़ैनब_शेर #औरत #क्रान्ति #नारीवाद #collabwithme #YourQuoteAndMine Collaborating with ज़ैनब ख़ान