मेरी परछाई मुझे बसाया है जिसको साया बनाकर उसकी मुझमे हर सास चलती है खो दिया अपनी परछाइ को मेंने अब ढूंढते हुए पल-पल मेरे साथ चलती है अंजान नहीं है इस मोहब्बत की दुनिया से जानती है इसकी रूह में भी तन्हाई साथ पलती है कहने लगी मुझसे मेरी परछाइ की तेरी वफ़ा में मेरी भी रूह तेरे साथ जलती है ~~Dimple Panchal #परछाइ