माना कोई हुनर नहीं था मेरे अंदर, पर तूने मुझे सिखा दिया, हमारी दोस्ती में मेरे भले के लिए खुद को बुरा बना लिया, इतनी बड़ी कब से हो गई तुम मेरी खुशी के लिए खुद को रुला दिया। बहुत से दोस्त बनाए थे मैंने जिंदगी में सबको अनोखा दर्जा दिया, तुमने जो ये काम किया है; इससे तूने सबको पीछे किया। बन गई है तू मेरी दोस्त पक्के वाली; जिसने मेरे लिए खुद की खुशियों को जला दिया, नहीं है जरूरत तेरे अलावा किसी और की मुझे; तूने सभी की कमी को दूर किया। तेरे करीब आकर सीख लिया मैंने फलसफा दोस्ती का, "दोस्त" इस अनोखे से रिश्ते का मतलब साकार किया, मैं शिद्दत पे अटका रहा तूने दोस्ती को सनक बना लिया। धन्यवाद उस ऊपर वाले जो उसने तुझसे मिला दिया, धन्यवाद तेरा भी जो तूने मुझे अपनी दोस्ती में शामिल किया। इतने दिनों इंतजार किया था सच्ची दोस्ती और खुशियों का भगवान ने तुझे दोस्त बनाकर मुझे खुशनसीब बना दिया। ©Prashant kumar #dost #Shiddat #sanak #mohobbat #nojotohindi