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मै अक्सर माँ की डाँट खाकर रूठ जाया करती हूँ और मा

मै अक्सर माँ की डाँट खाकर रूठ जाया करती हूँ 
और माँ मुझे बड़े प्यार से मना भी लिया करती है

ये रूठने और मनाने का सिलसिला चलता रहता है
पर उसका अफ़सोस हमारे दिलों में नही रहता है

काश, मै माँ के प्यार की तुलना किसी से ना करती
तो शायद ज़िन्दगी के रास्ते आज आसान कर लेती

और मै आसान कर देती उन लोगों की मुश्किलें भी
जिन्होंने अपना हक़ जताकर मेरी मुश्किलें बढ़ा दी

ख़ुद की निश्छलता का जब हम ख्याल करते है
उनके साथ बिताए पल मुझसे हज़ार सवाल करते है

कौन गलत, कौन सही इस बात पर क्या बात करूँ 
पर माँ जैसा कोई नही है हर बार यही मै बात कहुँ ।
 #maa


Image from internet
मै अक्सर माँ की डाँट खाकर रूठ जाया करती हूँ 
और माँ मुझे बड़े प्यार से मना भी लिया करती है

ये रूठने और मनाने का सिलसिला चलता रहता है
पर उसका अफ़सोस हमारे दिलों में नही रहता है

काश, मै माँ के प्यार की तुलना किसी से ना करती
तो शायद ज़िन्दगी के रास्ते आज आसान कर लेती

और मै आसान कर देती उन लोगों की मुश्किलें भी
जिन्होंने अपना हक़ जताकर मेरी मुश्किलें बढ़ा दी

ख़ुद की निश्छलता का जब हम ख्याल करते है
उनके साथ बिताए पल मुझसे हज़ार सवाल करते है

कौन गलत, कौन सही इस बात पर क्या बात करूँ 
पर माँ जैसा कोई नही है हर बार यही मै बात कहुँ ।
 #maa


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