वह पढ़ें और लिखें आगे बढ़ती रहें और तरक़्क़ी की मंज़िल पे चढ़ती रहें उनकी हालत न हो ऐसी राशिद कभी कि ससुराल में वह तड़पती रहें सबकी बेटी यहाँ मुस्कुराती रहें बुलबुलों की तरह वह चहकती रहें #Moksha #Beti #Nojoto #Nojotokhbari #kavishala #Poetry