पराई आग से रोटी नहीं बनाऊंगा मैं भीग जाऊंगा छतरी नहीं बनाऊंगा अगर खुदा ने बनाने का इख्तियार दिया तो अलम बनाऊंगा बरछी नहीं बनाऊंगा गली से कोई गुजरे तो चौक उठता हूं मैं नए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा फरेब देकर तेरा जिस्म जीत लू लेकिन मैं पेड़ काट के कश्ती नहीं बनाऊंगा मैं दुश्मनों से अगर जंग जीत भी जाऊं तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊंगा