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एक बार और उलझना है तुमसे वो तिरा मुझसे उलझना,आज भी

एक बार और उलझना है तुमसे वो तिरा मुझसे उलझना,आज भी सुलझा नहीं,
दरमिया के फासलो का,दर्द जो साझा वहीं। #उलझना
एक बार और उलझना है तुमसे वो तिरा मुझसे उलझना,आज भी सुलझा नहीं,
दरमिया के फासलो का,दर्द जो साझा वहीं। #उलझना