सब्र का बांध न टूट जाए आज दिल का मेरे... नहीं किया इकरार अगर तूने आज प्यार का तेरे... तेरी कसम मैं मोहब्बत से रूठ, जाऊंगा ,,उजाड़ दूंगा ख्वाबों के Bagh सारे... निराश होकर मैं लौट जाऊंगा फिर कभी जिंदगी में, तेरी गलियों में नहीं आऊंगा सब्र का बांध