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heart कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! पल मे

heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal मन का आँगन
heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal मन का आँगन
anitaagarwal4475

Anita Agarwal

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