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❤️💐🎂Happy Birthday Blo🎂💐❤️ ❤️🎂 💐💐💐💐💐💐🎂

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❤️❤️ Dedicating a #testimonial to Anjali Rai

किसी के विशेष दिन भर उसे उसकी खूबियों के बारे में बताना एक बेहद प्यारा एहसास होता है, ऐसे हम उस व्यक्ति की खूबियों और उन बातों को दर्शाते हैं जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होती है। लेकिन हम कितनी भी कोशिश कर ले गंगा के समस्त गुणों को लिखकर या बोलकर बता पाना मुमकिन नहीं है, हम नहीं बता सकते.... ऐसा ही कुछ आप के साथ भी है। आपकी समस्त खूबियों को बताना एक साथ, एक बार में बता पाना मेरे लिए तो संभव नहीं.....

मुझे लगता है कि घाट से ज्यादा शांत और घाट से ज्यादा बेचैनी भरी जगह और कोई नहीं हो सकती। एक ही जगह पर इंसान अपने परेशान जीवन को छोड़कर किसी और दुनिया में जाने के लिए अपना सफ़र शुरू करता है, तो वहीं दूसरी तरफ हर लहर में ऐसा लगता है कि शायद कुछ दिन इसे और रुकना चाहिए था..... एक ही जगह आपको शांति और कोलाहल का अद्भुत खेल दिखाती है जहां इंसान समझ नहीं पाता कि वह दरअसल में शांत है या परेशान। मेरे ख्याल से इससे ज्यादा विविध समागम हमें कहीं और देखने को नहीं मिलता जहां खुशी, दुःख, मुस्कान, शांति, असंतोष.... कभी-कभी चेतना, उदासियां और भी न जाने क्या-क्या, एक साथ देखने को मिले। 

मगर जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करेंगे और उससे बोलेंगे कि यार चलो घाट के किनारे 20 मिनट बैठते हैं, थक गया हूं जीवन से। चलो ना कुछ देर घाट के किनारे बैठ कर देखते हैं तो कोई व्यक्ति आपसे ऐसा नहीं कहता कि मुझे नहीं जाना...... वह बस इतना बोलेगा, "चलो! अभी चलना है क्या? चलो!" और उस किनारे बैठ कर वह आपको आपने जीवन की तमाम परेशानियां बेझिझक आपके साथ साझा करेगा। भले ही उसके पीछे कारण कोई ना हो पर वह व्यक्ति आपको अपने जीवन की तमाम परेशानियों के बारे में बताएगा बिना किसी समाधान की उम्मीद या लालच के। क्यूंकि उस जगह पर वह ऐसा अनुभव करता है कि कोई उसे सुन रहा है और इस जगह पर वह अपनी हर सुख दुख बेचैनी उतार बांट सकता है, आप बिल्कुल वैसे ही हो जिसके साथ अपनी हर बात साझा करके हल्का महसूस किया जा सकता है।
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❤️❤️ Dedicating a #testimonial to Anjali Rai

किसी के विशेष दिन भर उसे उसकी खूबियों के बारे में बताना एक बेहद प्यारा एहसास होता है, ऐसे हम उस व्यक्ति की खूबियों और उन बातों को दर्शाते हैं जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होती है। लेकिन हम कितनी भी कोशिश कर ले गंगा के समस्त गुणों को लिखकर या बोलकर बता पाना मुमकिन नहीं है, हम नहीं बता सकते.... ऐसा ही कुछ आप के साथ भी है। आपकी समस्त खूबियों को बताना एक साथ, एक बार में बता पाना मेरे लिए तो संभव नहीं.....

मुझे लगता है कि घाट से ज्यादा शांत और घाट से ज्यादा बेचैनी भरी जगह और कोई नहीं हो सकती। एक ही जगह पर इंसान अपने परेशान जीवन को छोड़कर किसी और दुनिया में जाने के लिए अपना सफ़र शुरू करता है, तो वहीं दूसरी तरफ हर लहर में ऐसा लगता है कि शायद कुछ दिन इसे और रुकना चाहिए था..... एक ही जगह आपको शांति और कोलाहल का अद्भुत खेल दिखाती है जहां इंसान समझ नहीं पाता कि वह दरअसल में शांत है या परेशान। मेरे ख्याल से इससे ज्यादा विविध समागम हमें कहीं और देखने को नहीं मिलता जहां खुशी, दुःख, मुस्कान, शांति, असंतोष.... कभी-कभी चेतना, उदासियां और भी न जाने क्या-क्या, एक साथ देखने को मिले। 

मगर जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करेंगे और उससे बोलेंगे कि यार चलो घाट के किनारे 20 मिनट बैठते हैं, थक गया हूं जीवन से। चलो ना कुछ देर घाट के किनारे बैठ कर देखते हैं तो कोई व्यक्ति आपसे ऐसा नहीं कहता कि मुझे नहीं जाना...... वह बस इतना बोलेगा, "चलो! अभी चलना है क्या? चलो!" और उस किनारे बैठ कर वह आपको आपने जीवन की तमाम परेशानियां बेझिझक आपके साथ साझा करेगा। भले ही उसके पीछे कारण कोई ना हो पर वह व्यक्ति आपको अपने जीवन की तमाम परेशानियों के बारे में बताएगा बिना किसी समाधान की उम्मीद या लालच के। क्यूंकि उस जगह पर वह ऐसा अनुभव करता है कि कोई उसे सुन रहा है और इस जगह पर वह अपनी हर सुख दुख बेचैनी उतार बांट सकता है, आप बिल्कुल वैसे ही हो जिसके साथ अपनी हर बात साझा करके हल्का महसूस किया जा सकता है।