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खुशियों से भरा मन अचानक, बचपन मे कुछ समझ नहीं सका,

खुशियों से भरा मन अचानक, बचपन मे कुछ समझ नहीं सका,पतंग काटना कितना मुश्किल था।
तलब तो तब हुआ जब लोंगो ने उड़ते हुए हौसलों को काटना आसान समझा।।
खुशियों से भरा मन अचानक, बचपन मे कुछ समझ नहीं सका,पतंग काटना कितना मुश्किल था।
तलब तो तब हुआ जब लोंगो ने उड़ते हुए हौसलों को काटना आसान समझा।।