ज़ेहन पे ये मेरे न जाने किसका कब्ज़ा है ख़याल तो मेरे हैं पर कोई और लिखता है देखना भी चाहूं गर खुद को देख न पाऊं मुझ को मुझ में अब कोई और दिखता है #rockshayar #poetry #shayari #nojotojaipur