वो, कल लगाकर दो शजर छाँव ढूँढता है, बातों ही बातों में...परिणाम ढूँढता है, आदमी की नीयत...अजब है मेरे दाता, कुदरत को तोड़ मरोड़...विज्ञान ढूँढता है। ©Anand Dadhich #छाँव #आदमी #नीयत #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #poetsof2022 #StarsthroughTree