#OpenPoetry की होश कहाँ ख़बर कहाँ... तेरे जाने का अब असर कहाँ ... पराये तेरी जुबाँ मे हुए तेरे दिल मे अब बसर कहाँ... नही लौटेंगे वादिये -ए- इश्क़ मे वहा हमारा अब घर कहाँ... मोह्हबत करके देख लिया मुझे मौत का अब डर कहाँ... some lines from one of my poems