जर नोज मैलाब जाता है, उस छछूंदर में,यहां अभी। कलह विरह की झक्कासी, कुआं डरती थी, और उमंगों में एक पोज एक बयां ढंग खरा जाता था।। सैलाब हैं आंसु ... समंदर है आंखें .... नक्काशी है सुरमा तरंगें में रंग है खुबसूरत वादियां #आंखें_कहती_है_बहुतकुछ #खुबसूरत_आँखे #yqbaba #yqdidi