हाई स्कूल का मैदान वीरान है, अधूरी सी सुबह है बोझिल सी शाम है। बल्ले टूट गये, गेंदे खो गयीं दुपट्टे के पीछे की आंखें खामोश हो गयीं भाई लोगों आ जाओ मुझे चिढ़ाने को, उसकी खबरें सुनाने को, जिंदगी की जरूरतें समझाने को। यार सुमित, तू लड़की देख हंसता था, वर्धन सब समझता था, विजय के पास खबरें थी, साकेत और आनंद बल्लेबाज़ थे, अतुल और मैं ए ग्रेड के लड़कीबाज़ थे, प्रियदर्शी स्पीनर, मैं पेसर, धनंजय रेसर, अतुल डंकी, और वर्धन छोटंकी। भाई क्या तुम सब भी मेरी तरह मर गए। मैं पुल के नीचे कटा पड़ा था, एक ट्रेन काट गयी, सुना वर्धन चौरस्ते पर गुम गया, विजय की लाश इंजीनियरिंग करके निकली, अतुल को एक के प्यार में बहत्तर हूरें मिली, प्रियदर्शी की आंखें और आनंद के परिवार ने जवाब दे दिया और साकेत का रुआब खो गया। सैंकी साले तू बग्गा स्टोर्स का नवाब हो गया। #मेरेदोस्तो भाग1 www.harshranjan.com Amazon.com/author/harshranjan #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #collab #yqchallenge