हमने वो खंज़र भी देखा,खुदगर्ज़ी का वो बंदर भी देखा जहाँ सपने मजबूरी में मर जाये,ग़रीबी का वो मंज़र भी देखा। ये दुनिया कुछ नहीं बिगाड़ सकती,जब तक तुम न बिगडों मेरे पतन के शत्रु को,मैं अपने ही अंदर देखा। हार मिली तो क्या हुआ,अनुभव का एक शुकुन तो है, हार से लोग ज़िन्दगी से क्यूँ हार जाते हैं?उनके ख्यालों में वारदातों का एक बवंडर देखा। नशीली है आंखें उनकी बड़ी डूबते-डूबते बचा हूं,उनकी आंखों में मैंने समंदर देखा। #aaleshquote #Inspiration #philosophy