वर्ष का अंत हो रहा था, नववर्ष का आगमन, तभी वुहान में नोवल कोरोना रूपी राक्षस का जन्म हुआ दुनियाँ नववर्ष की तैयारी में मदमस्त हो रही थी। उसी समय भारत में CAA नामक भूत आया, कुछ मुसलमानों को नागरिकता जाने का डर सताया। कुछ विपक्षी नेताओं ने भी फुलसाया, बहकाया, चतुरों ने कुछ दलितों और बुद्धिजीवियों को भी साथ लगाया। गो CAA गो NRC का नारा लगाया, CAA में गलत क्या है ये पूछने पर संविधान खतरे में बताया, साथ ही शहर-शहर शाहीन बाग बैठाया। आरोप प्रत्यारोप के दौर शुरू होने लगे, बॉलीवुड वाले भी न जाने क्यों CAA पर रोने लगे। हिंदुस्तान में जब शाहीन बाग शाहीन बाग हो रहा था, दुनियाँ का अधिकांश हिस्सा कोरोना से रो रहा था। आफत के पैर कहाँ होते हैं, जैसे संस्कृति के विचरण के नहीं होते। दोनों को मानव ही यात्रा कराता है, जाने अनजाने सबको संकट में लाता है। कभी जिस देश की आलोचना कर रहा होता है, फिर वहीं लौट के आता है। यही तो बंधु नियतिवाद का तकाजा है, प्रकृति के आगे बेकार में जोर लगाता है। ◆जय माता दी◆ #कोरोना #कोरोना #शाहीनबाग #शाहीनबाग