संस्कृतभारती मेरठ-प्रान्त: शनिवासर: १८/०७/२०२० सुभाषितम् संरक्षेत् दूषितो न स्याल्लोक: मानवजीवनम्। न कोऽपि कस्यचिद् नाशं , कुर्यादर्थस्य सिद्धये।। भावार्थ:- संसार प्रदूषित न हो। मानव जीवन सुरक्षित रहे। धन की सिद्धि के लिए (धन प्राप्ति के लिए) कोई भी किसी का (प्रकृति का) नुकसान न करें। संस्कृतं मम जीवनध्येयम् #BoneFire #sanskrit #subhashit #inspirational #life