ये कुछ आँखों का अधूरा ख्वाब,ना जाने क्या करेगा? किसी की यादों का सैलाब,ना जाने क्या करेगा। वक़्त ने तो बड़ी ख़ूबसूरती से यू ठुकराया है, पर जो आंखों में लगी है आग,जाने क्या करेगा? #alone #remembering the fabbles of past