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अस्सल मे वो सुख ही क्या जो बार बार बुलाये जो तत्वो

अस्सल मे वो सुख ही क्या
जो बार बार बुलाये
जो तत्वो को हिलाये
जो हर बार हार ही खिलाये
विवेक को गेहेरी निंद मे सुलाये
इंद्रियो को गुलामी दिलाये
जो असुर वृत्ती फुलाये
सोम का नशा तो पिलाये
पर अस्सिम आनंद से ना मिलाये...

 #NojotoQuote देख रहा जो भी तू
वो सब यहा नशवर है...
देख न जहा पा रहा तू
वही तो छुपा ईश्वर है...

धुंड धूंड के थक गया मै
वो दुनिया का परम सुख..
पर वो मिल ही नहीं रहा
अस्सल मे वो सुख ही क्या
जो बार बार बुलाये
जो तत्वो को हिलाये
जो हर बार हार ही खिलाये
विवेक को गेहेरी निंद मे सुलाये
इंद्रियो को गुलामी दिलाये
जो असुर वृत्ती फुलाये
सोम का नशा तो पिलाये
पर अस्सिम आनंद से ना मिलाये...

 #NojotoQuote देख रहा जो भी तू
वो सब यहा नशवर है...
देख न जहा पा रहा तू
वही तो छुपा ईश्वर है...

धुंड धूंड के थक गया मै
वो दुनिया का परम सुख..
पर वो मिल ही नहीं रहा